जैविक विषमुक्त खेती करने वाले हरियाणा के किसान से एकत्र की गई कच्ची हल्दी को एक सप्ताह तक देशी गाय के दूध से बनी छाछ में डुबो कर रखा गया था (प्रतिदिन छाछ बदली जाती है) फिर हल्दी को छाछ से बाहर निकाल कर भाप में उबाल कर सुखाया गया है हल्दी को सूखने के पश्चात इस स्वयं पिसवाकर पाउडर बनवाकर हल्दी की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए इसे कांच के जार में रखा गया है |